अध्याय-17 फलकथन के आधारभूत सिद्धान्त
अध्याय-18 विभिन्न राशियों में स्थित ग्रहों के फल
मेष राशि में स्थित नव्ाहों के फल ; वृषभ राशि में स्थित नवग्रहों के फल ; मिथुन राशि में स्थित नवग्रहों के फल ; कर्क राशि में स्थित नवग्रहों के फल ; सिंह राशि में स्थित नवग्रहों के फल ; कन्या राशि में स्थित नवग्रहों के फल ; तुला राशि में स्थित नवग्रहों के फल ; वृश्चिक राशि में स्थित नवग्रहों के फल ; धनु राशि में स्थित नवग्रहों के फल ; मकर राशि में स्थित नवग्रहों के फल ; कुम्भ राशि में स्थित नवग्रहों के फल ; मीन राशि में स्थित नवग्रहों के फल
अध्याय-19 ग्रहों की उच्चादिराशिगत स्थिति के आधार पर फल
स्वराशि में स्थित ग्रहों के फल ; उच्चराशि में स्थित ग्रहों के फल ; मूलत्रिकोण राशि में स्थित ग्रहों के फल ; अतिमित्र राशि में स्थित ग्रहों के फल ; मित्रराशि में स्थित ग्रहों के फल ; शत्रुराशि में स्थित ग्रहों के फल ; अतिशत्रु राशि में स्थित ग्रहों के फल ; नीचराशि में स्थित ग्रहों के फल
अध्याय-20 प्रथम भाव के फल
प्रथम भाव में स्थित ग्रह का फल ; लग्नेश का द्वादश भावों में फल ; प्रथम भाव से सम्बन्धित योग
अध्याय-21 द्वितीय भाव के फल
द्वितीय भाव में स्थित ग्रह का फल ; द्वितीयेश का द्वादश भावों में फल ; द्वितीय भाव से सम्बन्धित योग ; धन से सम्बन्धित योग ; नेत्रों से सम्बन्धित योग ; कुटुम्ब सम्बन्धी योग ; अन्य योग
अध्याय-22 तृतीय भाव के फल
तृतीय भाव में स्थित ग्रह का फल ; तृतीयेश का द्वादश भावों में फल ; तृतीय भाव से सम्बन्धित योग ; भाई-बहिनों से सम्बन्धित योग ; परक्रम सम्बन्धी योग ; तृतीय भाव से सम्बन्धित अन्य योग
अध्याय-23 चतुर्थ भाव के फल
चतुर्थ भाव में स्थित ग्रह का फल ; चतुर्थेश का द्वादश भावों में फल ; चतुर्थ भाव से सम्बन्धित योग ; विद्या से सम्बन्धित योग ; मातृसुख से सम्बन्धित योग ; सुख से सम्बन्धित योग ; वाहनसुख से सम्बन्धित योग ; खेत-भूमि एवं भवन सम्बन्धी योग ; बन्धु विचार ; मित्रता से सम्बन्धित योग
अध्याय-24 पंचम भाव के फल
पंचम भाव में स्थित ग्रह का फल ; पंचमेश का द्वादश भावों में फल ; पंचम भाव से सम्बन्धित योग ; सन्तान सुख से सम्बन्धित योग ; लग्नानुसार सन्तति से सम्बन्धित शुभाशुभ योग ; इष्टदेव से सम्बन्धित योग ; बुद्धि एवं स्मरण शक्ति से सम्बन्धित योग ; शिक्षा से सम्बन्धित योग ; हृदयरोग
अध्याय-25 षष्ठ भाव के फल
षष्ठ भाव में स्थित ग्रह का फल ; षष्ठेश का द्वादश भावों में फल ; षष्ठ भाव से सम्बन्धित योग ; रोग से सम्बन्धित योग ; शत्रु से सम्बन्धित योग ; मातुल या मामा से सम्बन्धित योग
अध्याय-26 सप्तम भाव के फल
सप्तम भाव में स्थित ग्रह का फल ; सप्तमेश का द्वादश भावों में फल ; सम्म भाव से सम्बन्धित योग ; वैवाहिक सुख से सम्बन्धित योग ; विवाह विलम्ब के योग ; अविवाहित रहने के योग ; कब होगा विवाह ? ; कैसा होगा जीवनसाथी ? ; विवाह की दिशादि
अध्याय-27 अष्टम भाव के फल
अष्टम भाव में स्थित ग्रह का फल ; अष्टमेश का द्वादश भावों में फल ; अष्टम भाव से सम्बन्धित योग ; आयु से सम्बन्धित योग
अध्याय-28 नवम भाव के फल
नवम भाव में स्थित ग्रह का फल ; नवमेश का द्वादश भावों में फल ; नवम भाव से सम्बन्धित योग ; भाग्य से सम्बन्धित योग ; गुरु एवं धर्म से सम्बन्धित योग
अध्याय-29 दशम भाव के फल
दशम भाव में स्थित ग्रह का फल ; दशमेश का द्वादश भावों में फल ; दशम भाव से सम्बन्धित योग ; वृत्ति या आजीविका से सम्बन्धित योग ; मान-सम्मान एवं कीर्ति से सम्बन्धित योग ; पिता से सम्बन्धित योग (:) अन्य योग
अध्याय-30 एकादश भाव के फल
एकादश भाव में स्थित ग्रह का फल ; एकादशेश का द्वादश भावों में फल ; एकादश भाव से सम्बन्धित योग ; आय एवं लाभ से सम्बन्धित योग ; एकादश भाव से सम्बन्धित अन्य योग
अध्याय-31 द्वादश भाव के फल
द्वादश भाव में स्थित ग्रह का फल ; द्वादशेश का द्वादश भावों में फल ; द्वादश भाव से सम्बन्धित योग ; व्यय से सम्बन्धित योग ; दान से सम्बन्धित योग ; बन्धन या जेल से सम्बन्धित योग ; मृत्यूपरान्त गति से सम्बन्धित योग ; अन्य योग
अध्याय-32 योगफल ( भाग -1 ) पंचमहापुरुषादि योग
पंचमहापुरुष योग ; रुचक महापुरुषयोग ; भद्रमहापुरुष योग ; हंस महापुरुषयोग ; मालव्य महापुरुष योग ; शश महापुरुषयोग ; चन्द्रकृत योग ; सुनफायोग ; अनफायोग ; दुरुधरायोग ; केमद्रुमयोग ; चन्द्राधियोग या अधियोग ; अल्पमध्यमोत्तम योग ; धनयोग ; सूर्यकृतयोग ; वेशी योग ; वाशियोग ; उभयचरीयोग ; नाभसयोग
अध्याय-33 योगफल (भाग-2): राजयोग
ग्रहों की स्व, उच्च या मूलत्रिकोण राशिगत स्थिति से निर्मित होने वाले राजयोग ; ग्रहों की राशिगत स्थिति के आधार पर निर्मित राजयोग ; ग्रहों की भावगत स्थिति के आधार पर राजयोग ; ग्रहों के पारस्परिक सम्बन्धों पर आधारित राजयोग ; भावेशों के पारस्परिक सम्बन्धों पर आधारित राजयोग
अध्याय-34 योगफल ( भाग -3 ) : राजयोग (भाग-)
शंखयोग ; पंक्तियोग ; पर्वतयोग ; गजकेसरियोग ; अमलयोग या अमलकीर्ति योग ; काहलयोग ; चामरयोग ; भेरीयोग ; मृदंगयोग ; श्रीनाथयोग ; श्रीकंठयोग ; वैरयोग ; सरस्वतीयोग ; लक्ष्मीयोग ; गौरीयोग ; पारिजातयोग ; कलानिधियोग ; कल्पद्रुमयोग ; हरियोग ; हरयोग ; ब्रह्मयोग या विधियोग ; वसुमत् योग ; विपरीत राजयोग ; चन्द्र-मंगलयोग ; राजलक्षणयोग ; बुधादित्य योग ; भारतीयोग ; बाधक योग ; कपट्योग ; कालसर्पयोग ; पितृदोष या पितरदोष
अध्याय-35 दशाफल ( भाग -4 )
दशाफल के सामान्य सिद्धान्त ; सूर्य की महादशा ; सूर्य की महादशा का सामान्य फल ; राशिगत स्थिति के आधार पर सूर्य की महादशा के फल ; सूर्य की भावगत स्थिति के आधार पर महादशा का फल ; चन्द्रमा की महादशा ; चन्द्रमा की महादशा का सामान्य फल ; राशिगत स्थिति के आधार पर चन्द्रमा की महादशा के फल ; चन्द्रमा की भावात स्थिति के आधार पर महादशा का फल ; मंगल की महादशा ; मंगल की महादशा का सामान्य फल ; राशिगत स्थिति के आधार पर मंगल की महादशा के फल ; मंगल की भावगत स्थिति के आधार पर महादशा का फल ; राहु की महादशा ; राहु की महादशा का सामान्य फल ; राशिगत स्थिति के आधार पर राहु की महादशा के फल ; राहु की भावगत स्थिति के आधार पर महादशा का फल ; गुरु की महादशा ; गुरु की महादशा का सामान्य फल ; राशिगत स्थिति के आधार पर गुरु की महादशा के फल ; गुरु की भावगत स्थिति के आधार पर महादशा का फल ; शनि की महादशा ; शनि की महादशा का सामान्य फल ; राशिगत स्थिति के आधार पर शनि की महादशा के फल ; शनि की भावगत स्थिति के आधार पर महादशा का फल ; बुध की महादशा ; बुध की महादशा का सामान्य फल ; राशिगत स्थिति के आधार पर बुध की महादशा के फल ; बुध की भावगत स्थिति के आधार पर महादशा का फल ; केतु की महादशा ; केतु की महादशा का सामान्य फल ; राशिगत स्थिति के आधार पर केतु की महादशा के फल ; केतु की भावगत स्थिति के आधार पर महादशा का फल ; शुक्र की महादशा ; शुक्र की महादशा का सामान्य फल ; राशिगत स्थिति के आधार पर शुक्र की महादशा के फल ; शुक्र की भावगत स्थिति के आधार पर महादशा का फल
अध्याय-36 दशाफल ( भाग 5) अन्तर्दशाफल
भावेश से सम्बन्धित सिद्धान्त ; ग्रहों से सम्बन्धित सिद्धान्त ; शुभ एवं अशुभ फलकारक दशाएँ ; सूर्य की महादशा में अन्तर्दशा फल ; चन्द्रमा की महादशा में अन्तर्दशाओं के फल ; मंगल की महादशा में अन्तर्दशाओं के फल ; राहु की महादशा में अन्तर्दशाओं के फल ; गुरु की महादशा में अन्तर्दशाओं के फल ; शनि की महादशा में अन्तर्दशाओं के फल ; बुध की महादशा में अन्तर्दशाओं के फल ; केतु की महादशा में अन्तर्दशाओं के फल ; शुक्र की महादशा में अन्तर्दशाओं के फल
अध्याय-37 दशाफल ( भाग -6 ) प्रत्यन्तर्दशा फल
सूर्य की प्रत्यन्तर्दशाओं के फल ; चन्द्रमा की अन्तर्दशा में प्रत्यन्तर्दशाओं के फल ; मंगल की अन्तर्दशा में प्रत्यन्तर्दशाओं के फल ; राहु की अन्तर्दशा में प्रत्यन्तर्दशाओं के फल ; गुरु की अन्तर्दशा में प्रत्यन्तर्दशाओं के फल ; शनि की अन्तर्दशा में प्रत्यन्तर्दशाओं के फल ; बुध की अन्तर्दशा में प्रत्यन्तर्दशाओं के फल ; केतु की अन्तर्दशा में प्रत्यन्तर्दशाओं के फल ; शुक्र की अन्तर्दशा में प्रत्यन्तर्दशाओं के फल
अध्याय-38 अष्टकूट मिलान
वर्णकूट ; वश्यकूट ; ताराकूट ; योनिकूट ; ग्रहमैत्रीकूट ; गणकूट ; भकूट ; नाडीकूट ; मेलापन में जन्मराशि बनाम नामराशि
अध्याय-39 मंगलदोष
मंगलदोष का अर्थ एवं परिभाषा ; मंगल के समान पापग्रहों से दोष ; मंगलदोष की समाप्ति ; मंगलदोष का मिलान
अध्याय-40 अष्टकवर्ग निर्माण
अष्टकवर्ग का अर्थ एवं महत्त्व ; अष्टकवर्ग में प्रयुक्त प्रमुख अवधारणाएँ ; अष्टकवर्गीय पद्धति के आठ वर्ग ; सूर्य प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग का निर्माण ; कक्षा सिद्धान्त तथा सूर्य प्रस्ताराष्टक चक्र अथवा गोचराष्टक वर्ग ; चन्द्रमा के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग का निर्माण ; चन्द्र प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोवराष्टक वर्ग ; मंगल के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टक वर्ग का निर्माण ; मंगल प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टक वर्ग ; बुध प्रस्तार चक्र एवं भिन्नाष्टक वर्ग का निर्माण ; बुध प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टक वर्ग ; गुरु प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग का निर्माण गुरु प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचरष्टक वर्ग ; शुक्र प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टक वर्ग निर्माण विधि ; शुक्र प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टक वर्ग निर्माण विधि ; शनि प्रस्तार चक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग का निर्माण ; शनि प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टक वर्ग ; लग्न प्रस्तार चक्र एवं भिन्नाष्टक वर्ग का निर्माण ; लग्न प्रस्ताराष्टक अथवा गोचराष्टक वर्ग ; राहु के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टक वर्ग के निर्माण की विधि ; सर्वाष्टक वर्ग के निर्माण की विधि
अध्याय-41 अष्टकवर्ग फलादेश
प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग के आधार पर फलकथन के सामान्य सिद्धान्त ; रेखाओं के आधार पर फल ; सूर्य के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग के आधार पर भविष्य कथन के सिद्धान्त ; चन्द्रमा के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग के आधार पर भविष्य कथन के सिद्धान्त ; मंगल के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग के आधार पर भविष्य कथन के सिद्धान्त ; बुध के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग के आधार पर भविष्यकथन के सिद्धान्त ; गुरु के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग के आधार पर भविष्यकथन के सिद्धान्त ; शुक्र के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग के आधार पर भविष्यकथन के सिद्धान्त ; शनि के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग के आधार पर भविष्यकथन के सिद्धान्त ; लग्न के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग के आधार पर भविष्यकथन के सिद्धान्त ; सर्वाष्टक वर्ग से फलकथन
अध्याय-42 ग्रहों के गोचरफल
फलित ज्योतिष में गोचर का महत्त्व ; ग्रहों का गोचरीय परिचय ; सूर्य का गोचरफल ; चन्द्रमा का गोचरफल ; मंगल का गोचरफल ; बुध का गोचरफल ; गुरु का गोचरफल ; शुक्र का गोचरफल ; शनि का गोचरफल ; राहु का भावानुसार गोचरफल ; केतु का भावानुसार गोचरफल
अध्याय-43 अष्टकवर्ग के आधार पर गोचरफल
भिन्नाष्टक वर्ग से गोचरफल के सामान्य सिद्धान्त ; सूर्य के भिन्नाष्टकवर्गानुसार गोचरफल ; चन्द्रमा के भिन्नाष्टकवर्गानुसार गोचरफल ; मंगल के भिन्नाष्टकवर्गानुसार गोचरफल ; बुध के भिन्नाष्टकवर्गानुसार गोचरफल ; गुरु के भिन्नाष्टकवर्गानुसार गोचरफल ; शुक्र के भिन्नाष्टकवर्गानुसार गोचरफल ; शनि के भिन्नाष्टकवर्गानुसार गोचरफल ; गोचरराष्टकवर्ग से गोचरफल के सामान्य सिद्धान्त ; सूर्य के प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टकवर्ग में कक्षानुसार गोचर फल ; चन्द्रमा का प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोवराष्टकवर्ग में कक्षानुसार गोचर फल ; मंगल का प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टकवर्ग में कक्षानुसार गोचर फल ; बुध का प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टकवर्ग में कक्षानुसार गोचर फल ; गुरु के प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टकवर्ग में कक्षानुसार गोचर फल ; शुक्र का प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोवराष्टकवर्ग में कक्षानुसार गोचर फल ; शनि के प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टकवर्ग में कक्षानुसार गोचर फल
अध्याय-44 शनि की साढ़ेसाती एवं ढैया
साढ़ेसाती का अर्थ ; ढैया का अर्थ ; साढ़ेसाती के पादफल ; शनि की साढ़ेसाती के फल ; चरणानुसार साढ़ेसाती के फल ; शनि की ढैया के फल
अध्याय-45 पंचांग परिचय
पंचांग का अर्थ एवं उसके अंग ; तिथि ; वार ; नक्षत्र ; योग ; करण
अध्याय-46 पंचांग में प्रयुक्त प्रमुख अवधारणाएँ
सूर्य की गति एवं संक्रान्ति ; ऋतुएँ ; विषुव अयनान्त, गोल एवं अयन ; सावन दिन ; नाक्षत्र दिवस ; चान्द्र दिवस ; सौरमास ; चान्द्रमास ; सावन वर्ष ; चान्द्रवर्ष ; सौरवर्ष ; बार्हस्पत्य वर्ष ; ईस्वी सन् ; शक संवत् ; विक्रम संवत् ; अधिकमास ; क्षयमास ; बार्हस्पत्य संवत्सर
अध्याय-47 पंचांग एवं मुहूर्त के योग
आनन्दादि योग ; रवि पुष्ययोग ; गुरु पुष्ययोग ; अमृतसिद्धियोग ; सिद्धियोग ; सर्वार्थसिद्धियोग ; यमघंटयोग ; उत्पात मृत्यु काणयोग ; ज्वालामुखी योग ; सिद्धियोग (सिद्धिदातिथियाँ ) ; दधातिथि ; मृतयोग या मृत्युयोग या मृता तिथियाँ ; त्रिपुष्कर योग ; द्विपुष्कर योग ; विषयोग ; रवियोग ; पंचांग में नैमित्तिक योगों का प्रदर्शन
अध्याय-48 विविध मुहूर्त
द्विघटिका ज्योतिषीय नित्य मुहूर्त ; द्विघटिका पौराणिक नित्य मुहूर्त ; संध्या नित्य मुहूर्त ; प्रदोष नित्य मुहूर्त ; गोधूलि बेला नित्य मुहूर्त ; चतुर्घटिका नैमित्तिक मुहूर्त ; कालहोरा या होरा मुहूर्त ; राहुकाल
अध्याय-49 शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त
मुहूर्त सम्बन्धी सामान्य नियम ; पुंसवन संस्कार मुहूर्त ; सीमन्तोन्नयन संस्कार मुहूर्त ; सूतिका स्नान मुहूर्त ; नामकरण संस्कार मुहूर्त ; जलपूजन या कुआं पूजन मुहूर्त ; अन्नप्राशन संस्कार मुहूर्त ; चूडाकरण या मुण्डन संस्कार मुहूर्त ; कर्णवेध संस्कार मुहूर्त ; उपनयन संस्कार मुहूर्त ; विवाह मुहूर्त ; लत्तादि दोष ; पंचांगों में लत्तादिदोषों का प्रदर्शन ; विवाह से पूर्व के मांगलिक कार्यक्रमों के मुहूर्त ; विदाई मुहूर्त ; वधू प्रवेश ( वध्वागमन) मुहूर्त ; द्विगमन मुहूर्त ; त्रिरागमन या द्वयंग यात्रा मुहूर्त ; नींव खुदवाने का मुहूर्त ; गृह प्रवेश मुहूर्त ; यात्रा मुहूर्त ; व्यापार एवं व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त ; नौकरी या पदग्रहण मुहूर्त ; चुनाव में पर्चा दाखिल मुहूर्त ; शपथ ग्रहण मुहूर्त ; प्रतियोगिता परीक्षाओं हेतु आवेदन पत्र जमा कराने का मुहूर्त ; वाहन क्रय मुहूर्त ; भौतिक सुख-सुविधाओं के साधनों के क्रय का मुहूर्त ; मुकदमा दायर करने का मुहूर्त ; शल्य क्रिया का मुहूर्त ; देवालय निर्माण मुहूर्त ; सर्वदेव प्रतिष्ठा मुहूर्त ; स्ट्राभिषेक मुहूर्त ; श्रीमद्भागवत पारायण मुहूर्त ; अग्निहोत्र आरम्भ मुहूर्त ; अबूझ एवं स्वयं सिद्ध मुहूर्त
अध्याय-50 ग्रहशान्ति सामान्य परिचय
जन्म से सम्बन्धित अरिष्टों के शमन हेतु उपाय ; जन्मकुण्डली में अशुभयोग एवं अकारक ग्रहों की शान्ति हेतु उपाय ; कालसर्पदोष की शान्ति ; पूर्वजन्म के शापों की शान्ति ; सन्तानहीनता से सम्बन्धित अन्य योगों की शान्ति ; वैधव्यदोष से मुक्ति हेतु घट विवाह ; पुरुष के लिए अर्क विवाह ; अष्टकूट मिलान के दोषों की शान्ति ; अन्य दुर्योगों की शान्ति ; जन्मकुण्डली में शुभयोग एवं कारक ग्रह को बली करने हेतु उपाय ; दशा से सम्बन्धित उपाय ; अशुभ गोचर की शान्ति हेतु उपाय
अध्याय-51 रन द्वारा ग्रहशान्ति
नवग्रहों के नवरत्न ; रत्नधारण के सिद्धान्त ; लग्नेश एवं त्रिकोणेश के रत्न धारण का सिद्धान्त ; विद्यमान महादशा-अन्तर्दशा के स्वामियों के रत्न धारण का सिद्धान्त ; अशुभ गोचरस्थ ग्रह के रत्न धारण का सिद्धान्त ; कामनानुसार ग्रहों के रत्नधारण का सिद्धान्त ; जन्मराशि के अनुसार रत्नधारण का सिद्धान्त ; सायनसूर्य राशि के अनुसार रत्नधारण का सिद्धान्त ; मूलांक के अनुसार रत्नधारण का सिद्धान्त ; हस्तरेखा के अनुसार रत्नधारण का सिद्धान्त ; रत्न और धातु के संयोग से सम्बन्धित सिद्धान्त ; रत्न से सम्बन्धित अंगुली ; स्पर्शता का सिद्धान्त ; अंगूठी बनाम पेंडेंट ; रत्नों के वजन से सम्बन्धित सिद्धान्त ; रत्नों की शत्रुता का सिद्धान्त ; रत्नधारण का मुहूर्त ; रत्नधारण की विधि
अध्याय-52 रुद्राक्ष द्वारा ग्रहशान्ति
रुद्राक्षों का परिचय ; नवग्रहों के स्ट्राक्ष ; ग्रहशान्ति के लिए रुद्राक्ष धारण का सिद्धान्त ; लग्नेश एवं त्रिकोणेश के रुद्राक्ष धारण का सिद्धान्त ; दशानाथ के स्ट्राक्ष धारण का सिद्धान्त ; गोचर के अनुसार रुद्राक्ष धारण का सिद्धान्त ; कामनानुसार रुद्राक्ष धारण का सिद्धान्त ; रुद्राक्ष धारण का मुहूर्त ; स्ट्राक्ष धारण विधि
अध्याय-53 मन्त्र, स्तोत्र, यन्त्र आदि से ग्रहशान्ति अन्य उपाय
सूर्य ग्रह की शान्ति ; सूर्य का वैदिक मन्त्र ; सूर्य का तन्त्रोक्त मन्त्र ; सूर्य गायत्री ; सूर्य के नाममन्त्र ; सूर्य कवच ; सूर्ययन्त्र ; व्रत एवं उपवास ; सूर्य हेतु दान ; औषधि स्नान ; अन्य उपाय ; चन्द्रग्रह की शान्ति ; चन्द्रमा का वैदिक मन्त्र ; चन्द्रमा का तन्त्रोक्त मन्त्र ; चन्द्र गायत्री मन्त्र ; चन्द्रमा के नाममन्त्र ; चन्द्र कवच ; चन्द्राष्टाविंशतिनामस्तोत्र ; चन्द्रयन्त्र ; व्रत एवं उपवास ; दान ; औषधि स्नान ; शान्ति ; मंगल का वैदिक मन्त्र ; मंगल के तंत्रोक्त मन्त्र ) मंगलगायत्री ; मंगल के नाममन्त्र ; मंगल कवच ; मंगलयन्त्र ; व्रत एवं उपवास ; मंगल हेतु दान ; औषधि स्नान ; अन्य उपाय ; बुध ग्रह की शान्ति ; बुध का वैदिक मन्त्र ; बुध के तन्त्रोक्त मन्त्र ; बुधगायत्री ; बुध के नाममन्त्र ; बुध कवच ; बुधयन्त्र ; व्रत एवं उपवास ; बुध हेतु दान ; औषधि स्नान ; अन्य उपाय ; गुरु ग्रह की शान्ति ; गुरु का वैदिक मन्त्र ; गुरु के तन्त्रोक्त मन्त्र ; गुरुगायत्री ; गुरु के नाममन्त्र ; गुरु कवच ; गुरुयन्त्र ; व्रत एवं उपवास ; गुरु हेतु दान ; औषधि स्नान ; अन्य उपाय ; शुक्र ग्रह की शान्ति ; शुक्र का वैदिक मन्त्र ; शुक्र के तन्त्रोक्त मन्त्र ; शुक्रगायत्री ; शुक्र के नाममन्त्र ; शुक्र कवच ; शुक्रयन्त्र ; व्रत एवं उपवास ; शुक्र हेतु दान ; औषधि स्नान ; अन्य उपाय ; शनि ग्रह की शान्ति ; शनि का वैदिक मन्त्र ; शनि के तन्त्रोक्त मन्त्र ; शनिगायत्री ; शनि के नाममन्त्र ; शनैश्वर स्तवराज ; श्री शनि चालीसा ; दशरथकृत शनिस्तोत्र ; शनियन्त्र ; व्रत एवं उपवास ; शनि हेतु दान ; औषधि स्नान ; अन्य उपाय ; राहु ग्रह की शान्ति ; राहु का वैदिक मन्त्र ; राहु के तन्त्रोक्त मन्त्र ; राहुगायत्री ; राहु के नाममन्त्र ; राहु कवच ; राहुयन्त्र ; व्रत एवं उपवास ; राहु हेतु दान ; औषधि स्नान ; अन्य उपाय ; केतु ग्रह की शान्ति ; केतु का वैदिक मन्त्र ; केतु के तन्त्रोक्त मन्त्र ; केतुगायत्री केतु के नाममन्त्र केतु कवच केतु यन्त्र व्रत एवं उपवास केतु हेतु दान औषधि स्नान अन्य उपाय नवग्रह शान्ति ; नवग्रह मन्त्र ; नवग्रह स्तोत्र नवग्रह पीड़ाहर स्तोत्र नामका मन्त्र नवग्रहशान्ति से सम्बन्धित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य।
Affiliation : Neither the institute nor the DASc. course is affiliated any university or U.G.C.
Pradeep Singh Jadoun –
The syllabus is perfect, the ideal way one should learn astrology. It would have been IIVsc designed the course structure because no one else can cover such a broad range of topics. The books recommended are authentic and sufficient. Anyone who completes that syllabus and masters the books will become a good astrologer.
Neha –
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Shishir Sarkar –
Well I started my journey in astrology from IIVsc Jaipur. The Faculty are really good. It’s a course of 6 months and I studied hard and started applying on charts which is more important.
Yash –
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Hari Om –
The teachers are good the course is perfect. The teachers are good, and you can become a good astrologer if you cover all those topics and books with honesty.
Vindhesh Kumar Soni –
It course imparts a systematic teaching of the subject from the very beginning in detail, conducts periodical tests and refers you relevant books as s reference material. Its depends on how serious one is as it requires lot of self study. labor and efforts. Merely attending the classes would no do much. Self study is also very important.
Ugrasen Mishra –
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Omkar Mishra –
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Bhuvnesh Ashaliya –
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Aparna Shyamkant Kulkarni –
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Chiman Lal Jasuja –
I’ve completed my courses from The Institute of Indian Astrology and Vedic Sciences, Jaipur. It was a wholesome experience of learning. Faculty is helpful and teaches very well.
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Sachin Agarwal –
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Shiv Prakash –
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Lovely Gaur –
slow response
Dhananjay Kumar Singh –
Vindhesh Kumar Soni –
slow response
Sudha Sharma –
Sitaram Singh –
This institute is good for learning Astrology.
Amrendra Kumar Choudhary –
Anita Goyal –
Yogesh –
Nice
Deepa Prakash Tank –
Nidhi Kapur Gandotra –
Good Astrology Course for me.
Narender Thakur –
Omkar Mishra –
Neha –
Faculty is Very good…….
Trilok Singh –
Neha –
Faculty is Very good…….
Sadhvi Somya –
Faculty is Very good…….
Sachin Agarwal –
Aparna Shyamkant Kulkarni –
Nice
Ashraf Ali –
Tapas Banerjee –
The quality of some videos is not good.
Pooja Swami –
Anil Kumar –
Good staff good teaching
Abhay Shrivastava –
Tapas Banerjee –
The quality of some videos is not good.
Kajal Kumari –
Anuradha –
Madhusudan –
Sharad Kumar Shukla –
Nice
Sharad Kumar Shukla –
Nice
Shashank Kumar Sharma –
Anil Sharma –
Nice
Purushottam Shyam –
Shyam Sunder Nagpal –
Shashank Kumar Sharma –
Pt Jagannath –
This institute is good for learning Astrology.
Rekha –
Hitesh kumar joshi –
Rachit –
Harvinder Singh –
Ashutosh –
Roopam Nayak –
Shantulya –
Pragya Pandey –
Rajesh Bhatnagar –
Faculty is Very good…….
Hanumant Singh Faujdar –
Pratima –
Rajesh Bhatnagar –
Faculty is Very good…….
Vinod Kumar Maurya –
Shiv Nath –
Good staff good teaching
Shraddha Varma –
Ravinder Sharma –
Amarjit Singh –
Faculty is Very good…….
Rajesh Bansal –
Prabhat Kumar Pankaj –
Amarjit Singh –
Faculty is Very good…….
Ashish Sharma –
Ramesh Kumar –
This institute is good for learning Astrology.
Rajeev Chandravanshi –
Neeru –
Shashank Sharma –
Kanhaiya Lal Chaturvedi –
Faculty is Very good…….
Kanhaiya Lal Chaturvedi –
Faculty is Very good…….
Raghupati Kumar Jha –
Ashish Chakraborty –
Nice
Mohana –
Rakhi Kumari –
Good Astrology Course for me.
Kailash Kumar (Master) –
Sunila Gupta –
Nice
Divya Kumari –
Nand Kishore Sharma –