अभिनव बिन्द्रा स्वर्णिम युग का आरम्भ है, अन्त नहीं

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11 अगस्त, 2008 को बीजिंग में अभिनव की बन्दूक से निकलने वाली अन्तिम गोली ने न केवल अभिनव की किस्मत के द्वार को खटखटाया, वरन् भारतीय खेल जगत् की किस्मत भी उस आहट से जागती हुई प्रतीत हुई| वह गोली चली, तो बीजिंग में थी, परन्तु उसकी ध्वनि भारत में सुनाई दी| चारों ओर हर्ष की लहर दौड़ गई| 108 साल के इतिहास में प्रथम बार बहुप्रतीक्षित हर्ष की लहर दौड़ रही थी| ‘देश की धड़कन’ अभिनव बिन्द्रा ने ‘स्वर्णिम अभिनव युग’ का अपने ‘आयुध’ से ‘नाद’ कर जैसे आरम्भ कर दिया हो| चारों ओर बधाइयों का तॉंता लगा हुआ था| भारत माता के ‘अभिनव’ सपूत ने बीजिंग ओलम्पिक ग्राम में जब राष्ट्रधुन बजवाने की योग्यता अर्जित की, तो वे ‘अभिनव भारत’ के ‘अभिनव नेता’ के रूप में प्रतिष्ठित हो रहे थे| बधाइयों के साथ-साथ उन पर धनवर्षा भी की जा रही थी| राज्य सरकारों एवं विविध संगठनों ने उनके सम्मान में लाखों-करोड़ों रुपए देने की घोषणा की|
उद्योगपति ए.एस. बिन्द्रा एवं श्रीमती बबली बिन्द्रा के सुपुत्र अभिनव बिन्द्रा का जन्म 28 सितम्बर, 1982 को कर्क लग्न एवं कन्या नवांश में देहरादून में हुआ था| इनकी जन्म कुण्डली में खेलों का कारक ग्रह मंगल योगकारक होकर पंचम भाव में स्थित है| लग्न पर लग्नेश की पूर्ण दृष्टि है| तृतीय भाव में तृतीयेश की वक्री स्थिति खेलों में उच्च सफलता की ओर संकेत कर रही है| धनेश सूर्य की तृतीयेश बुध और आयेश शुक्र के साथ युति सम्बन्ध और एकादश भाव पर पंचमेश मंगल की दृष्टि खेलों से शोहरत एवं धन दोनों की ओर संकेत कर रही है|
वैसे तो अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में सफलता के लिए शारीरिक सौष्ठव के साथ-साथ आत्मविश्‍वास तथा मानसिक एकाग्रता की भी आवश्यकता होती है, लेकिन निशानेबाजी में तो इसकी परम आवश्यकता होती है| लग्न पर लग्नेश की दृष्टि, अशुभ एवं पाप ग्रहों के प्रभाव से लग्न और लग्नेश दोनों की मुक्ति, आत्मकारक शनि की खेल के भाव में स्थिति इत्यादि योग अभिनव को अटूट एकाग्रता, खेल के प्रति अविरल निष्ठा और अपेक्षित आत्मविश्‍वास प्रदान कर रहे हैं|
जन्म कुण्डली
आकांक्षापूर्ति कारक एकादशेश शुक्र का प्रसिद्धि कारक सूर्य के साथ एवं खेल के भाव के स्वामी बुध के साथ युति सम्बन्ध, एकादश भाव पर पंचमेश मंगल की दृष्टि, यश के भाव पंचम का स्वामी ग्रह से युत होने के कारण बली स्थिति में होना, दशम भाव पर गुरु की शुभ दृष्टि, गजकेसरी, बुधादित्य आदि शुभ योगों की उपस्थिति वे कारण हैं, जो अभिनव को जगप्रसिद्ध बना रहे हैं|
नवांश कुण्डली
अभिनव की कुण्डली में उद्योगपति बनने के भी पर्याप्त योग विद्यमान् हैं| तृतीयेश, धनेश, सप्तमेश एवं आयेश का तृतीय भाव में युति सम्बन्ध और पंचमेश एवं दशमेश की एकादश भाव पर दृष्टि उनके निजी व्यवसाय में उच्च सफलता प्राप्ति के पर्याप्त कारण हैं|
अभिनव ने राष्ट्रमण्डल खेलों में 2002 में स्वर्ण एवं रजत पदक, 2006 में विश्‍व निशानेबाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक, 2006 में ही राष्ट्रमण्डल खेलों में स्वर्ण एवं कॉंस्य पदक जीता था|
वर्तमान में अभिनव राहु में बुध की अन्तर्दशा के प्रभाव में हैं| नवम्बर, 200७ से बुध की अन्तर्दशा आरम्भ हुई है, जो कि मई, 2010 तक रहेगी| 11 अगस्त को स्वर्णिम सफलता के लिए जो ग्रह उत्तरदायी रहे, उनमें बुध और शुक्र की महती भूमिका रही है| मई, 2008 से आरम्भ हुआ शुक्र का प्रत्यन्तर इनके लिए एक प्रकार से युग परिवर्तनकारी ही रहा है| केतु के प्रत्यन्तर के दौरान इनका प्रदर्शन अपेक्षित नहीं था| महादशानाथ राहु ने विदेश में रहने के लिए परिस्थितियॉं तैयार की| तृतीयेश बुध की अन्तर्दशा ने विदेश में रहकर प्रशिक्षण के अवसर प्रदान किए और एकादशेश शुक्र ने उनका प्रतिफल स्वर्ण पदक के रूप में दिलवाया| मई, 2010 तक का समय इनके लिए अपेक्षानुकूल सफलता का है| 2011 से 201४ के मध्य राहु में शुक्र का अन्तर रहेगा| वह समय इनके लिए अपार शोहरत दिलवाने वाला सिद्ध होगा| उम्मीद की जा सकती है कि स्वर्णिम सफलता का यह इतिहास संभवत: पुन: अपने-आपको दोहराता हुआ प्रतीत हो, क्योंकि अभी तो स्वर्णिम युग का आरम्भ है, अन्त नहीं|•
अभिनव का परिवार
अभिनव के पिता ए.एस. बिन्द्रा पशुचिकित्सा विज्ञान में पीएच.डी. हैं और इनका कम्प्यूटर गेम्स, कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर आदि का व्यवसाय है, जिसका वार्षिक टर्नओवर लगभग ५00 करोड़ रुपए है| इनकी माता बबली बिन्द्रा हैण्डबॉल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रही हैं| अभिनव के दादा जी कर्नल बीर सिंह सेना की हॉकी टीम के सदस्य रहे हैं| उस टीम के कप्तान हॉकी के जादूगर ध्यानचन्द थे| अभिनव की एक बहिन है, जिनका नाम है दिव्या, जिनका विवाह एटलस साइकिल के स्वामित्व वाले परिवार में हुआ है| अभिनव स्वयं ‘अभिनव फ्यूचरिस्टिक लिमिटेड’ के सी.ई.ओ. हैं| इनकी यह कम्पनी एक फाइव स्टार रिसोर्ट का निर्माण भी कर रही है| अभिनव की प्रारम्भिक स्कूली शिक्षा देहरादून के प्रसिद्ध दून स्कूल में हुई तथा बाद में चण्डीगढ़ के स्टीफन स्कूल में उन्होंने शिक्षा प्राप्त की| मैनेजमेंट की शिक्षा कोलोरेडो यूनिवर्सिटी से प्राप्त की है| वर्तमान में अभिनव चण्डीगढ़ के पास जिराकपुर में स्थित 1३ एकड़ के अपने फॉर्महाउस में रहते हैं| वहीं इन्होंने व्यक्तिगत अत्याधुनिक शूटिंगरेंज का निर्माण करवा रखा है| इसकी लागत लगभग 1 करोड़ रुपए थी| अभिनव ने निशानेबाजी की 10 मीटर एयर रायफल प्रतियोगिता में बीजिंग ओलम्पिक में स्वर्णपदक जीता है|•