धनकुबेरों की जन्मपत्रिका में धनयोग

प्रतिष्ठित फोर्ब्स पत्रिका विश्‍व के सर्वाधिक धनी व्यक्तियों की समय-समय पर सूची निकालती है| भारतीय स्तर पर भी सर्वाधिक धनी व्यक्तियों की सूची निकलती रहती है| इस सूची में जिनका नाम उच्च स्तर पर है, उनकी सम्पत्ति इतनी है, कि जिसकी कल्पना भी हमारे लिए बहुत बड़ी है| ये इतने धनी हैं कि इनके द्वारा […]

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जीवन जीने की कला सिखाते हैं श्री श्री रविशंकर

प्रकाशन तिथि : मार्च, 2010 ‘आर्ट ऑव लिविंग फाउण्डेशन’ के जनक श्री श्री रविशंकर वर्तमान में भारत ही नहीं, वरन् विश्‍वभर में अपने आध्यात्मिक प्रभाव से लाखों लोगों के जीवन को परिवर्तित कर चुके हैं| किसी भी मानवीय त्रासदी के पश्‍चात् उनकी मानसिक प्रगति के लिए वे वहॉं पहुँच ही जाते हैं| विशेष रूप से […]

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अभिनव बिन्द्रा स्वर्णिम युग का आरम्भ है, अन्त नहीं

11 अगस्त, 2008 को बीजिंग में अभिनव की बन्दूक से निकलने वाली अन्तिम गोली ने न केवल अभिनव की किस्मत के द्वार को खटखटाया, वरन् भारतीय खेल जगत् की किस्मत भी उस आहट से जागती हुई प्रतीत हुई| वह गोली चली, तो बीजिंग में थी, परन्तु उसकी ध्वनि भारत में सुनाई दी| चारों ओर हर्ष […]

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इंजीनियर बनने के योग

अभियन्ता अर्थात् इंजीनियर का कार्य बहुत ही अद्भुत है| मानव जीवन को अधिकतम सुख पहुँचाना इन्जीनियर का प्रमुख लक्ष्य होता है, चाहे उसके लिए उन्हें प्रकृति से भी क्यों न लड़ना पड़े| मरुस्थल में सरोवर बनाना, पर्वतों पर भवन निर्माण, सड़क का जाल बिछाना, ग्रीष्म ॠतु की तपती गर्मी को ठण्डी हवा में बदल देना […]

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एनिमेशन क्षेत्र में सफलता

हॉलीवुड और विश्‍व के अन्य सिनेमा के समान ही भारतीय सिनेमा और टेलीविजन में भी एनिमेशन सिनेमा और सीरियल का निर्माण बहुतायत रूप से होने लगा है| पहले भारतीय सिनेमा एवं अन्य क्षेत्रों में यह छोटे स्तर पर ही था, लेकिन बड़े प्रोडक्शन हाउस के एनिमेशन फिल्मों के निर्माण में रुचि लेने के कारण अब […]

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कॅरियर निर्धारण में नवांश का महत्त्व

भारतीय ज्योतिष में षोडश वर्गों के अन्तर्गत नवांश वर्ग का विशेष महत्त्व है| राशि या लग्न वर्ग के पश्‍चात् फल विचार में नवांश वर्ग को ही प्रमुख स्थान प्राप्त है, इसलिए नवांश वर्ग को लग्न रूपी शरीर की आत्मा कहा जाता है| विंशोपक बल विचार में लग्न को जहॉं ३० प्रतिशत भार मिलता है, वहीं […]

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जन्मपत्रिका से रोग विचार

‘मेडिकल एस्ट्रोलॉजी’ फलित ज्योतिष की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत विभिन्न रोग एवं उनके कारणों का ज्योतिष के आधार पर अध्ययन किया जाता है| प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी रोगों से अवश्य पीड़ित होता है| कुछ व्यक्ति किसी विशेष रोग से बार-बार पीड़ित होते हैं, तो कुछ व्यक्ति किसी विशेष समय में […]

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ज्योतिष में मधुमेह रोग

‘मिह सेचने’ धातु से अच् प्रत्यय करने पर ‘मेह’ शब्द की निष्पत्ति होती है| ‘प्रकृष्टो मेह: यस्मिन् रोगे, स: प्रमेह |’ अर्थात् जिस रोग में मूत्र की अधिकता हो, उसे प्रमेह (Disease of Urine) कहते हैं| इसका प्रसिद्ध एवं सामान्य लक्षण है – ‘प्रभूताविलमूत्रता’ अर्थात् प्रमेह में मूत्र की मात्रा अधिक हो जाती है और […]

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Tvacha Rog – Kaaran evan Nidaan

विभिन्न शारीरिक रोगों के अन्तर्गत त्वचा रोग सर्वाधिक रूप से पाए जाने वाला रोग है| वर्तमान समय में बढ़ते प्रदूषण के कारण इस रोग के रोगियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है| यही कारण है कि गॉंवों की अपेक्षा शहरों में इस रोग से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या अधिक है| त्वचा रोग अनेक रूपों […]

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कब होगा आपका विवाह?

भारतीय संस्कृति की आश्रम व्यवस्था में गृहस्थाश्रम का अत्यधिक महत्त्व है, ब्रह्मचर्याश्रम, गृहस्थाश्रम, वानप्रस्थाश्रम एवं संन्यास आश्रम, इन चारों में गृहस्थाश्रम ही है, जो शेष तीनों आश्रमों का निर्वहण करता है| इस आश्रम का प्रारम्भ विवाह से होता है| शास्त्रों में गर्भाधान, नामकरण आदि षोडश संस्कारों का वर्णन है| विवाह भी इनमें से ही एक […]

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