AS003 Panchanga & Muhurtashastra

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पंचांग एवं मुहुर्तशास्त्र
(Panchanga and Muhurtashastra – AS003)

  1. पंचांग : अर्थ, परिभाषा, क्षेत्र, महत्त्‍व, पंचांग के पाँच अंगों का उद्व और विकास, पंचांग निर्माण की परम्परा का विकास।
  2. मुहूर्तशास्त्र : अर्थ, परिभाषा, क्षेत्र, महत्त्‍व, मुहूर्तशास्त्र का विकास, पंचांग एवं मुहूर्तशास्त्र की अन्योन्याश्रितता।
  3. पंचांग निर्माण की परम्पराएँ : आर्ष मत, ब्राह्म मत, सूर्य सिद्धान्त मत, दृक्गणितीय मत, सायन मत, सायन पंचांग का महत्त्‍व एवं सीमाएँ।
  4. पंचांग एवं कॅलेंडर में एकरूपता लाने के प्रयास, भारत सरकार के प्रयास – भारतीय पंचांग सुधार समिति- 1955, भारतीय पंचांग एवं स्थैतिक खगोल विज्ञान पर समीक्षा समिति-1986 एवं भारतीय पंचांग एवं स्थैतिक खगोल विज्ञान पर उच्चाधिकार समीक्षा समिति-1998।
  5. समय मापन :
    (क) नवविध कालमान : ब्राह्ममान, दैव्यमान, पैत्र्यमान, मानवमान, गौरवमान, सौरमान, चान्द्रमान, नाक्षत्रमान, सावनमान।
    (ख) समय के प्राकृतिक मान : सावन दिन, चान्द्र दिन, नाक्षत्र दिन, सावन मास, सौर मास, चान्द्र मास, सावन वर्ष, चान्द्र वर्ष, निरयण सौर वर्ष, सायन सौर वर्ष, कोणिकान्तर वर्ष, बार्हस्पत्य वर्ष।
    (ग) युगमान, कल्प, सृष्टि की आयु, ब्रह्मा की आयु।
    (घ) घटी-पल-विपल-प्रतिविपल, घण्टा-मिनट-सेकण्ड।
  6. संवत् :
    (क) गणितीय संवत् : ईस्वी सन्, राष्ट्रीय शक संवत्, भारतीय निरयण संवत्, नानकशाही संवत्।
    (ख) खगोलीय संवत् :
    (i) नियरण सौर संवत् : शक (परम्परागत), बंगाली सन्, विक्रम (सौर) संवत्, तमिल कॅलेंडर, कलिसौर संवत्।
    (ii) चान्द्र संवत् : हिजरी सन्।
    (iii) चान्द्र सौर संवत् : शालिवाहन शक, विक्रम (चैत्रादि), विक्रम (कार्तिकादि), विक्रम (आषाढ़ादि), फसली सन्, अमली सन्, सप्तर्षि काल।
  7. मासारम् व्यवस्था : (क) सौर संवतों में मासारम्‍भ व्यवस्था : बंगाल नियम, उड़ीसा नियम, तमिल नियम, मालाबार नियम। (ख) चान्द्र-सौर संवतों में मासारम्‍भ व्यवस्था : पूर्णिमान्त, अमान्त।
  8. सौरवर्षमान से समायोजन की व्यवस्था :
    (क) ईस्वी सन् में प्लुत (लीप) वर्ष व्यवस्था।
    (ख) राष्ट्रीय शक संवत् एवं भारतीय निरयण संवत् में प्लुत वर्ष व्यवस्था।
  9. अधिक मास : अधिक मास का निर्धारण, पूर्णिमान्त एवं अमान्त मास पद्धति में अधिक मास व्यवस्था, अधिक मास के मल एवं शुद्ध मास के निर्धारण के नियम, मेटोनिक चक्र।
  10. क्षय मास : क्षय मास का निर्धारण, पूर्णिमान्त एवं अमान्त मास पद्धति में क्षय मास की व्यवस्था, संसर्प एवं मलिम्लुच अधिक मास तथा इनकी शुद्धता के सम्बन्ध में पूर्वी भारतीय परम्परा, उत्तर-पश्चिमी भारतीय परम्परा एवं दक्षिण भारतीय परम्परा, जुग्मा व्यवस्था, क्षय मास की स्थिति में संकल्प, जन्म-मरण तिथि, श्राद्ध तिथि आदि के निर्धारण, व्रत-उपवास आदि के सम्बन्ध में नियम।
  11. बार्हस्पत्य वर्ष या संवत् :
    (क) द्वादश संवत् (वर्ष) चक्र : उदय पद्धति, मध्यम राशि पद्धति।
    (ख) षष्टि संवत् चक्र : उत्तर भारतीय परम्परा, दक्षिण भारतीय सौर परम्परा, दक्षिण भारतीय चान्द्र-सौर वर्ष परम्परा।
    (ग) लुप्त एवं अधिसंवत्सर।
  12. नव संवत् के सम्बन्ध इनका निर्धारण : वर्षेश एवं परिषद्, नवसंवत् लग्न, जगत् लग्न, आर्द्रा प्रवेश लग्न, मेघ, रोहिणी-निवास, समय-निवास, समय-वाहन, स्तम्-निर्धारण, आर्षमान विचार, सस्यजातक, द्वादश नाग।
  13. सौर गति : सूर्य संक्रान्ति, संक्रान्ति पुण्यकाल, अयन परिवर्तन, गोल परिवर्तन, ऋतु परिवर्तन, विषुव, अपनान्त।
  14. सूर्योदय, सूर्यास्त, दिनमान, रात्रिमान, मध्यो, मध्यरात्रि आदि का परिगणन।
  15. तिथि : अर्थ, महत्त्‍व, तिथि गणना, क्षय एवं वृद्धि तिथि, क्षण तिथि, तिथियों के स्वामी, तिथियों की नन्दादि संज्ञाएँ, पक्षरन्ध्र, दग्धा, पापसंज्ञक, मन्वादि, युगादि, पर्व, गलग्रह, मासशून्य आदि संज्ञक तिथियाँ, ग्रहों की जन्म तिथि, तिथियों में विषघटी, सोमपद तिथियाँ, कुलाकुल तिथियाँ।
  16. वार : अर्थ, महत्त्‍व, वार प्रवृत्त क्षणवार, वारों के देवता-अधिदेवता, सौम्य एवं क्रूर वार, वारों की स्थिर आदि संज्ञाएँ, वार विषघटी।
  17. करण : अर्थ, महत्त्‍व, संख्‍या, प्रकार, करण गणना, करणों में करणीय कृत्य, भद्रा या विष्टिकरण, करणों के स्वामी।
  18. नक्षत्र : अर्थ, महत्त्‍व, नक्षत्र का आनयन, नक्षत्र क्षय एवं वृद्धि, नक्षत्रों के स्वामी, नक्षत्रों के गोत्र, नक्षत्रों में करणीय कृत्य, ध्रुव, स्थिरादि संज्ञक नक्षत्र, उर्ध्व, अधः, त्रियुख नक्षत्र, अन्धादि नक्षत्र, पंचक संज्ञक नक्षत्र, मूल-गण्डान्त संज्ञक नक्षत्र, मासशून्य नक्षत्र, ग्रहों के जन्म नक्षत्र, नक्षत्र विषघटी।
  19. योग : अर्थ, महत्त्‍व, योग वृद्धि, योगक्षय।
    (क) नित्ययोग : विष्कभादि 27 योग, योगों के स्वामी।
    (ख) नैमित्तिक योग :
    (i) वार-नक्षत्र योग : आनन्दादि 28 योग, रविपुष्ययोग, गुरुपुष्ययोग, अमृतसिद्धियोग, सर्वार्थसिद्धियोग, सिद्धियोग, अमृतयोग, यमघंट योग, यमद्रंष्टा योग, महाविनाशकारी योग, दग्ध नक्षत्र, उत्पात, मृत्यु, काण, क्रकच, हालाहलोपम आदि योग।
    (ii) तिथि-वार योग : सिद्धियोग, अमृतयोग, दग्धा योग, क्रकच योग, हुताशन योग, संवर्तयोग, विषयोग।
    (iii) नक्षत्र-तिथि योग : ज्वालामुखी योग, तिथि-नक्षत्र दोष, नक्षत्र लुंछी योग, सार्पयोग।
    (iv) तिथि-वार-नक्षत्र योग : त्रिपुष्कर योग, द्विपुष्कर योग, पुष्करयोग, कुमारयोग, राजयोग, स्थिर योग, विषयोग।
    (v) अन्य योग : रवियोग।
    21. ग्रहण : अर्थ, प्रकार, ग्रहणों का निर्धारण, सूतक विचार।
    22. अहर्गण : परिभाषा, प्रकार, उपयोग, ‘जूलियन-डे’।
    23. मुहूर्त : अर्थ, परिाषा, प्रकार, महत्त्‍व, क्षण नक्षत्र।
    (i) नित्य मुहूर्त : ज्योतिष ग्रन्थोक्त द्विघटिका मुहूर्त, अभिजित मुहूर्त, पुराणोक्त द्विघटिका मुहूर्त, बृहस्पति मुहूर्त, संध्या मुहूर्त, प्रदोष मुहूर्त, गोधूलि वेला, उषाकाल, महानिशा।
    (ii) नैमित्तिक मुहूर्त : भार्गव मुहूर्त, शिवा मुहूर्त, चतुर्घटिका (चौघड़िया मुहूर्त), कालहोरा, कुलिक, कालवेला, यमघंट, कंटक, वारवेला, उपकुलिक, राहुकाल।
  20. समय शुद्धीकरण :
    (क) समष्टि स्तर पर समय शुद्धि :
    (i) सामान्य समय शुद्धि : अयन शुद्धि, वर्ष-संवत्सर शुद्धि, देवशयन दोष, मासान्त दोष, अधिक-क्षयमास दोष, कृष्णपक्ष दोष, तेरह दिवसीय पक्षदोष, श्राद्धपक्षदोष, होलाष्टक दोष, संक्रान्ति विचार, गुर्वादित्य दोष, धनु एवं मीन मल (खर) मास दोष, सिंहस्थ गुरु दोष, सिंह नवांश गुरुदोष, मकरस्थ गुरुदोष, गुरु-शुक्र समसप्तक दोष, शकट दोष, गुरु वक्रातिचारी दोष, गुरु-शुक्र वृद्धत्व, अस्त एवं बालत्व दोष, दिनार्द्ध दोष, रात्र्यर्द्ध दोष, प्रदोषकाल दोष, अब्दसन्धि दोष, अयनसन्धि दोष, गोलसन्धि दोष, माससन्धि दोष, पक्षसन्धि दोष, त्रिविध गण्डान्त दोष, मुहूर्त सम्बन्धी दोष, मरण अशौच, ग्रहणदोष, ग्रहणग्रस्तनक्षत्र दोष।
    (ii) पंचांग शुद्धि : तिथि सम्बन्धी दोष, वार सम्बन्धी दोष, करण सम्बन्धी दोष, नक्षत्र सम्बन्धी दोष, योग सम्बन्धी दोष।
    (iii) लग्न शुद्धि : षड्वर्ग शुद्धि, पाप-क्रूरयुक्त लग्न, लग्न नवांश, चन्द्रयुक्त लग्न, क्रूर ग्रह का नवांश, अंतिम नवांश, कर्तरिदोष, दग्धलग्न, मास शून्यलग्न, पंगु-अन्ध-काण लग्न।
  21. समय शुद्धीकरण : (ख) व्यक्तिगत समय शुद्धि : (i) पंचांग शुद्धि : जन्ममास-तिथि-वार-नक्षत्र दोष, माता-पिता के श्राद्धतिथिदोष इत्यादि; (ii) घात चक‘ शुद्धि; (iii) व्यक्तिगत लग्न शुद्धि; (iv) त्रिबल शुद्धि; (v) ज्येष्ठ मास विचार; (vi) त्रिमंगल दोष; (vii) एकोदर दोष; (viii) जन्म-मरण-रजस्वला अशौच।
  22. षोडशसंस्कार मुहूर्त : गर्भाधान संस्कार मुहूर्त, पुंसवन संस्कार मुहूर्त, सीमन्त संस्कार मुहूर्त, जातकर्म संस्कार मुहूर्त, प्रसूता स्नान मुहूर्त, कुँआ पूजन मुहूर्त, नामकरण संस्कार मुहूर्त, कर्णछेदन मुहूर्त, दोलारोहण मुहूर्त, निष्क्रमण मुहूर्त, उपवेशन मुहूर्त, दत्तक ग्रहण मुहूर्त, अन्नप्राशन मुहूर्त, मुण्डन या चूड़ाकर्म मुहूर्त, उपनयन मुहूर्त, विद्यारम् मुहूर्त, केशान्त या समावर्तन मुहूर्त, सगाई मुहूर्त, लग्नपत्रिका मुहूर्त, तैलादिलेपन मुहूर्त, विवाह मुहूर्त, वधूप्रवेश मुहूर्त, द्विरागमन मुहूर्त, पुनर्विवाह मुहूर्त।
  23. वास्तु मुहूर्त : भूमि क्रय मुहूर्त, गृहारम्‍भ मुहूर्त, खातनिर्णय, द्वार स्थापन मुहूर्त, स्तम्‍भनिर्माणारम्‍भ मुहूर्त, गृहाच्छादन मुहूर्त, गृहसाज-सज्जा मुहूर्त, नूतन गृहप्रवेश मुहूर्त, पुरातन या जीर्ण गृहप्रवेश मुहूर्त, कॉलोनी निर्माण मुहूर्त, मन्दिर निर्माण आरम्‍भ मुहूर्त, प्रतिमा निर्माण मुहूर्त, कूप निर्माण मुहूर्त, जलाशय निर्माण मुहूर्त, व्यावसायिक वन निर्माण मुहूर्त, गृह मरम्मत मुहूर्त।
  24. धार्मिक मुहूर्त :देव प्रतिष्ठा मुहूर्त : विष्णु प्रतिष्ठा मुहूर्त, राम प्रतिष्ठा मुहूर्त, कृष्ण प्रतिष्ठा मुहूर्त, शिव प्रतिष्ठा मुहूर्त, ब्रह्मा स्थापन मुहूर्त, दुर्गा प्रतिष्ठा मुहूर्त, सूर्य प्रतिष्ठा मुहूर्त, स्कन्द-गणेश प्रतिष्ठा मुहूर्त, हनूमान् प्रतिष्ठा मुहूर्त, लोकपाल प्रतिष्ठा मुहूर्त, ऋषि आदि महापुरुष प्रतिष्ठा मुहूर्त, जैन प्रतिमा प्रतिष्ठा मुहूर्त, पितृ प्रतिष्ठा मुहूर्त, भैरव आदि तामसीदेव प्रतिष्ठा मुहूर्त
  25. देव पूजन मुहूर्त : नवरात्र स्थापन मुहूर्त, दीपावली पूजन मुहूर्त, होलिका दहन मुहूर्त, गणेशचतुर्थी पर गणेश पूजन मुहूर्त, शिवरात्रि पर शिव पूजन मुहूर्त, रुद्राषेक मुहूर्त, श्रीमद्भागवत् पारायण मुहूर्त, अन्य धार्मिक ग्रन्थ पारायण मुहूर्त, अनुष्ठान आरम् मुहूर्त, अग्निहोत्र आरम्‍भ मुहूर्त, यंत्र-मंत्र-साधना मुहूर्त, दीक्षा ग्रहण मुहूर्त, संन्यास ग्रहण मुहूर्त, वानप्रस्थ धारण मुहूर्त, पुरश्चरण मुहूर्त।
  26. व्यावसायिक मुहूर्त : व्यापार आरम् मुहूर्त, नौकरी या पदग्रहण मुहूर्त, चुनाव में पर्चा दाखिल मुहूर्त, शपथ ग्रहण मुहूर्त, प्रतियोगिता परीक्षाओं हेतु आवेदन पत्र जमा कराने का मुहूर्त, वाहन क्रय मुहूर्त, भौतिक सुख-सुविधाओं के साधनों के क्रय का मुहूर्त, मुकदमा दायर करने का मुहूर्त, हल जोतने का मुहूर्त, बीज वपन का मुहूर्त, ऋण लेने का मुहूर्त, ऋण चुकाने का मुहूर्त, यात्रा मुहूर्त।