PM Narendra Modi

Articles Horoscope Analysis
Prepared by Avnish Pandey
Date January 20, 2013

Narendra Modi Horoscope

20 दिसम्बर, 2012 को दोपहर 12:00 बजे तक लगग यह तय हो चुका था कि नरेन्द्र मोदी गुजरात विधानसभा के तीसरी बार चुनाव जीतकर चौथी बार मुख्यमंत्री बन गए हैं। इस सम्बन्ध में ‘ज्योतिष सागर’ ने दिसम्बर, 2012 की पत्रिका में स्पष्ट रूप से विष्यवाणी की थी कि नरेन्द्र मोदी चौथी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। नरेन्द्र मोदी की विजय के साथ ही अब यह तय हो गया कि भारतीय जनता पार्टी में वे सर्वाधिक लोकप्रिय राजनेता हैं। वे अनेक बार यह दर्शाने में भी सफल हुए हैं कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की जीत नहीं है, वरन् नरेन्द्र मोदी की जीत है। गुजरात की जनता उनके नाम से ही वोट करती है। नरेन्द्र मोदी की गुजरात विधानसभा चुनावों में जीत की हैट्रिक होने के पश्चात् भाजपा कार्यकर्ता उन्हें आगामी आमचुनावों में अपना नेता मानने लगे हैं। 26 दिसम्बर को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में उनका अभूतपूर्व स्वागत हुआ। पार्टी के कार्यकताओं में ऐसा जोश पहली बार देखा गया। वे यही मान रहे थे कि वह स्वागत समारोह गुजरात के मुख्यमंत्री का न होकर, भारत के भावी प्रधानमंत्री का स्वागत है। उसके बाद से अब जमीनी स्तर से भी पार्टी में यह बात उठने लगी है कि आगामी लोकसभा चुनावों में नरेन्द्र मोदी को ही प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर चुनाव लड़ना चाहिए। राजनीतिक विश्लेषकों की गुजरात चुनाव से पूर्व ही यह धारणा थी कि दिसम्बर, 2012 के विधानसभा चुनाव न केवल नरेन्द्र मोदी के भाग्य का फैसला करेंगे, बल्कि वे देश की राजनीति को भी तय करेंगे। आज उनकी इस जीत ने उन्हें भाजपा में प्रधानमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार बना दिया है। अब राजनीतिक विश्लेषक मानने लगे हैं कि आगामी आम चुनावों में हो सकता है भारतीय जनता पार्टी को उन्हें प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में घोषित करना पड़े। नरेन्द्र मोदी सुलझे हुए राजनेता हैं। वे एक लक्ष्य निर्धारित करते हैं और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रभावशाली योजना बनाकर आगे बढ़ते हैं। पिछले दो-तीन वर्षों से उनकी राजनीतिक गतिविधियाँ यही संकेत दे रही हैं कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री पद का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है और उसकी प्राप्ति के लिए उन्होंने अपनी कार्ययोजना पर काम आरम्‍भ कर दिया है। वे सतत रूप से उस कार्ययोजना को क्रियान्वित करते जा रहे हैं और आगे बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में गुजरात में हुए निवेशकों के सम्मेलन में अधिकतर उद्योगपतियों ने उन्हें श्रेष्ठ प्रशासक एवं भारत के प्रधानमंत्री के लिए योग्य उम्मीदवार माना। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें, तो उनके लिए दिल्ली की डगर सरल नहीं है। वे मानते हैं कि दिल्ली अभी उनसे दूर है। आइए, ज्योतिष की दृष्टि से देखें कि दिल्ली उनसे कितनी दूर है?

जन्म दिनांक 17 सितम्बर, 1950
जन्म समय 09:53 बजे
जन्म स्थान वडनगर (गुजरात)

जन्मकुण्डली कस्प कुण्डली उपलब्ध सूचना के अनुसार नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर, 1950 को तुला लग्न एवं कुम्‍भ नवांश में मेहसाणा जिले के वडनगर में हुआ था। लग्नेश शुक्र एकादशभाव में योगकारक शनि के साथ युति सम्बन्ध बनाकर श्रेष्ठ राजयोग का निर्माण कर रहा है। इस युति सम्बन्ध पर तृतीयेश-षष्ठेश गुरु की पूर्ण दृष्टि है। लग्न पर गुरु एवं शनि की पूर्ण दृष्टि है। इसके प्रव से नरेन्द्र मोदी आत्मविश्वास से सराबोर एवं साहसी व्यक्तित्व के धनी हैं। कर्मेश चन्द्रमा यद्यपि नीचराशि में है, परन्तु चन्द्रमा की यह स्थिति जातक को जुझारू बनाती है। ऐसा जातक लक्ष्य प्राप्ति के लिए केवल एक ही योजना नहीं बनाता, वरन् उसके पास कई योजनाएँ होती हैं और अन्ततः वह अपने लक्ष्य की प्राप्ति करता है। चन्द्र-मंगल की युति उन्हें आत्मविश्वासी एवं निडर बना रही है। पंचम भाव में गुरु की उपस्थिति तथा उसका लग्न एवं लोकतन्त्र के कारक शनि पर प्रभाव उन्हें हिन्दुत्ववादी राजनेता बना रहा है। नरेन्द्र मोदी की कस्पकुण्डली तुलनात्मक रूप से अधिक प्रबल है। कस्प में एकादश भाव में योगकारक शनि के साथ भाग्येश बुध, एकादशेश सूर्य तथा केतु की युति है, जो उनकी राजनीतिक सफलता का महत्त्‍वपूर्ण कारक है। शनि का पंचम भाव एवं लग्न पर पूर्ण दृष्टि प्रभाव तथा उक्त युति के फलस्वरूप वे लोकप्रिय राजनेता बने हैं। कस्पकुण्डली में लग्न में चन्द्र-मंगल की युति तथा शनि का उस पर दृष्टि प्रभाव उन्हें दबंग एवं साहसी बनाता है। नरेन्द्र मोदी वर्तमान में चन्द्र महादशा में चन्द्रमा की ही अन्तर्दशा के प्रभाव में हैं। यह अन्तर्दशा सितम्बर, 2013 तक रहेगी। इसमें उनकी लोकप्रियता में वृद्धि होगी और भाजपा के शीर्ष नेताओं पर उनकी लोकप्रियता उन्हें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित करने के लिए दबाव बनाएगी। इस अवधि में मार्च, 2013 तक का समय थोड़ा-सा कमजोर है। फलतः उनकी योजना के अनुरूप परिस्थितियाँ नहीं बन पाएँगी। उसके पश्चात् सितम्बर, 2013 तक समय पुनः अनुकूल आ रहा है। सब-कुछ उनकी योजना के अनुरूप रहेगा। सितम्बर, 2013 के पश्चात् चन्द्र महादशा में मंगल की अन्तर्दशा में राहु की प्रत्यन्तर्दशा आरम्‍भ होगी, जिसके कारण भाजपा में ही उनका कुछ लोग विरोध कर सकते हैं। नवम्बर, 2013 के उपरान्त अप्रैल, 2014 तक समय अनुकूल है। यदि चुनाव इस अवधि में होते हैं, तो मोदी के लिए दिल्ली दूर नहीं रहेगी, परन्तु अप्रैल, 2014 से चन्द्र महादशा में राहु की अन्तर्दशा लगेगी, जो कि उनके लिए तुलनात्मक रूप से अनुकूल फलप्रद नहीं है। इस अन्तर्दशा में यदि चुनाव होते हैं, तो उनके लिए दिल्ली अभी दूर ही कही जा सकती है।