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तृतीय प्रश्न-पत्र (Paper Code : AS103)
प्रारम्भिक अष्टकवर्ग
अष्टकवर्ग का अर्थ एवं महत्त्व।
अष्टकवर्ग में प्रयुक्त प्रमुख अवधारणाएँ।
अष्टकवर्गीय पद्धति के आठ वर्ग।
सूर्याष्टक वर्ग निर्माण: सूर्य प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग का निर्माण; कक्षा सिद्धान्त तथा सूर्य प्रस्ताराष्टक चक्र अथवा गोचराष्टक वर्ग।
चन्द्राष्टक वर्ग निर्माण: चन्द्रमा के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग का निर्माण; चन्द्र प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टक वर्ग।
भौमाष्टक वर्ग निर्माण: मंगल के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टक वर्ग का निर्माण; मंगल प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टक वर्ग।
बुधाष्टक वर्ग निर्माण: बुध प्रस्तार चक्र एवं भिन्नाष्टक वर्ग का निर्माण; बुध प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टक वर्ग।
गुर्वष्टक वर्ग निर्माण: गुरु प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग का निर्माण; गुरु प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टक वर्ग।
शुक्राष्टक वर्ग निर्माण: शुक्र प्रस्तारचक‘ एवं भिन्नाष्टक वर्ग निर्माण विधि; शुक्र प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टक वर्ग निर्माण विधि।
शन्यष्टक वर्ग निर्माण: शनि प्रस्तार चक्र एवं भिन्नाष्टकवर्ग का निर्माण; शनि प्रस्ताराष्टक वर्ग अथवा गोचराष्टक वर्ग।
लग्नाष्टक वर्ग निर्माण: लग्न प्रस्तार चक्र एवं भिन्नाष्टक वर्ग का निर्माण; लग्न प्रस्ताराष्टक अथवा गोचराष्टक वर्ग।
राह्नष्टक वर्ग निर्माण: राहु के प्रस्तारचक्र एवं भिन्नाष्टक वर्ग के निर्माण की विधि।
सर्वाष्टक वर्ग के निर्माण की विधि।
सूर्यादि अष्ट-प्रस्तारचक्रों एवं भिन्नाष्टकवर्गों के आधार पर फलकथन।
सर्वाष्टक वर्ग से फलकथन।
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