Prepared by | Avnish Pandey |
Date | January 20, 2013 |
भारतीय राजस्व सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें सलाह दी, ‘‘सेवा के कुछ आरम्भिक वर्षों में इतना कमा लो कि कुछ अर्से बाद ईमानदार अधिकारी की छवि बनाकर आराम से रहो। मैं भी शुरूआत में रिश्वत और भ्रष्टाचार से घृणा करता था, लेकिन मैंने ऐसा ही किया, आज ईमानदार अधिकारी कहलाता हूँ।’’
आप जानते हैं यह सलाह किसे दी गई थी? आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि आज भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे अरविन्द केजरीवाल के बॉस ने उन्हें भारतीय राजस्व सेवा के ज्वॉइनिंग वाले दिन दी थी। और, अरविन्द अपने वरिष्ठ के इस सुझाव पर भौचक्के रह गए थे।
केजरीवाल कहते हैं, ‘‘तब मैंने सरकारी महकमों में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में सुना था, लेकिन कितना है, यह नहीं जानता था, जब राजस्व सेवा के अधिकारी के रूप में सरकार का हिस्सा बना, तब पता चला कि लगभग प्रत्येक सरकारी अधिकारी भ्रष्ट हैं।’’
‘‘बचपन से ही धीर-गम्भीर हैं अरविन्द’’ यह बताते हुए उनके परिजन कहते हैं, ‘‘अरविन्द ने कोई बात उठाई तो कसौटी पर कसकर, पूरी तरह चिन्तन-मनन-अध्ययन करके। यही वजह है कि उनकी प्रत्येक बात न सिर्फ मीडिया, बल्कि जनता ने भी गम्भीरता से ली।’’
अरविन्द का जन्म 16 अगस्त, 1968 को हरियाणा के सिवानी खेड़ा कस्बे में हुआ। उनके दादा मंगल चंद के दस सन्तानें थीं, जिनमें अरविन्द के पिता गोबिन्दराम केजरीवाल न सिर्फ सबसे बड़े, बल्कि सबसे अधिक शिक्षित थे।
आईआईटी, खड्गपुर से स्नातक की उपाधि लेने वाले अरविन्द की प्रतिभा पर कोई सन्देह नहीं है। उन्हें परिवार में शुरू से माहौल पढ़ने-लिखने का मिला, जिसका उन्हें लाभ मिला। उनके पिता इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और कॉरपोरेट सेक्टर में काम कर चुके हैं। इतना ही नहीं, अरविन्द की माँ गीता भी मेधावी छात्रा थीं, उन्होंने हाईस्कूल टॉप की और उसके बाद उच्च शिक्षा ग्रहण की, वे पढ़ी-लिखी कुशल गृहिणी हैं। अरविन्द केजरीवाल की पत्नी सुनिता भी भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी हैं।
सन् 1992 में भारतीय राजस्व सेवा के अन्तर्गत आयकर अधिकारी के रूप में ज्वॉइन करने के बाद अरविन्द ने जब भ्रष्टाचार की व्यापकता देखी, तभी से उसके प्रति उनके मन में चिंगारी सुलगने लगी। जिसने मूर्तरूप लेना आरम्भ किया सन् 1999 के दिसम्बर माह में, जब उन्होंने ‘परिवर्तन’ नामक गैर सरकारी संस्था का शुभारम्भ किया। इसके बाद उन्होंने इस संस्था के माध्यम से ‘सूचना के अधिकार’ के लिए मुहिम छेड़ दी, जो सन् 2005 में परवान चढ़ी और सूचना के अधिकार पर संसद की मुहर लग गई। उसके बाद अरविन्द ने सन् 2006 में भारतीय राजस्व सेवा से इस्तीफा दिया और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम खुलेआम आरम्भ कर दी। इसमें वे अन्ना हजारे के सम्पर्क में आए और उनके सबसे चहेते सिपाही बन गए, हालाँकि अब वे अलग होकर अपनी ‘आम-आदमी पार्टी’ बना चुके हैं।
उपलब्ध सूचना के अनुसार अरविन्द केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त, 1968 को हरियाणा में सिवानी मण्डी में वृष लग्न एवं कुम्भ नवांश में हुआ था। जन्मकुण्डली में लग्न में तृतीयेश चन्द्रमा उच्चराशिस्थ है। इसके प्रभाव से एक ओर अरविन्द केजरीवाल निर्भीक हैं, वहीं दूसरी ओर जनता को आकृष्ट करने की सामर्थ्य भी उनमें अच्छी है। लग्नेश शुक्र चतुर्थ भाव में चतुर्थेश सूर्य, पंचमेश बुध और अष्टमेश-एकादशेश गुरु के साथ स्थित है। यह युति सम्बन्ध तीन राजयोगों का निर्माण कर रही है, वहीं सूर्य और बुध की युति शुभ बुधादित्य योग का निर्माण कर रही है। चन्द्रमा से केन्द्र भावस्थ गुरु शुभ गजकेसरियोग बना रहा है। इन योगों के प्रभाव से अरविन्द केजरीवाल यशस्वी, प्रतिष्ठित एवं उच्चाधिकारी बने। राजनीति में भी यह युति सम्बन्ध उन्हें सफल बना सकता है। वे प्रतिष्ठित राजनेता बन सकते हैं।
तृतीय भाव में नीचराशिस्थ मंगल का नीचभंग हो रहा है। मंगल की इस स्थिति से केजरीवाल ने इंजीनियरिंग की प्रतिष्ठित डिग्री अर्जित की, वहीं वे साहसी अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं राजनेता बने।
कर्मेश-भाग्येश शनि द्वादश भाव में अपनी नीचराशि में स्थित है, परन्तु वह उच्चराशीश शुक्र के नक्षत्र में स्थित है। इसके अतिरिक्त शुक्र के लग्न से केन्द्रभावस्थ होने के कारण शनि का नीच भंग भी हो रहा है। वृषभ एवं मिथुन लग्न में द्वादश भाव में शनि की स्थिति जातक को ईमानदार एवं चरित्रवान् बनाती है। साथ ही ऐसा जातक जुझारू कार्यकर्ता एवं राजनेता होता है।
अरविन्द केजरीवाल के लिए गुरु की महादशा सामाजिक-राजनीतिक कार्यों में उपलब्धिदायक रही। अगस्त, 2004 से आरम्भ हुई इस महादशा में सूचना के अधिकार सम्बन्धी उनका आन्दोलन सफल हुआ और उन्हें सन् 2006 में मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गुरु महादशा में बुध की अन्तर्दशा के दौरान उन्होंने जनलोकपाल आन्दोलन आरम्भ किया।
वर्तमान में केजरीवाल गुरु महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा के प्रभाव में हैं। जून, 2013 तक वे सूर्य, चन्द्रमा एवं मंगल की प्रत्यन्तर्दशा के प्रभाव में रहेंगे। यह समय उनके लिए प्रसिद्धिदायक रहेगा। उनके पक्ष में जन समर्थन अपेक्षानुरूप प्राप्त होगा। नवम्बर, 2013 के पश्चात् पुनः उनके लिए समय अनुकूल फलप्रद है। यदि आगामी आम चुनाव नवम्बर, 2013 से 16 मार्च, 2014 के मध्य होते हैं, तो उन्हें अपेक्षा से अधिक सफलता प्राप्त हो सकती है, परन्तु यदि उक्त चुनाव 16 मार्च से अगस्त, 2014 के मध्य होते हैं, तो उन्हें अपेक्षानुरूप सफलता प्राप्त नहीं होगी।
केजरीवाल की जन्मपत्रिका एवं वर्तमान दशा एवं गोचर के आधार पर निष्कर्ष रूप में यह कहा जा सकता है कि केजरीवाल भारतीय राजनीति की दशा और दिशा दोनों को ही परिवर्तित कर पाने में सफल होंगे। भारतीय राजनीति में उनका योगदान युगान्तकारी रहेगा।.